SEBI Kya Hai In Hindi: नमस्कार दोस्तो अगर आप शेयर मार्केट में पैसा निवेश करना चाहते है तो आपको सेबी के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। शेयर बाजार में प्रत्येक निवेशक को सेबी के बारे में रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर निवेशक को सेबी के बारे में अच्छे से जानकारी हो तो निवेशकों के साथ हानि की संभावना बहुत कम होती है। सेबी इन्वेस्टर के हितों की सुरक्षा करती है और उनके साथ शेयर बाजार में फ्रॉड होने से बचाती है।
शेयर बाजार को सेबी द्वारा नियंत्रण किया जाता है। और सेबी ही शेयर बाजार में समय समय पर नए नए नियम कानून जारी करती रहती है। और यदि कोई भी सेबी के नियमों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ सेबी कानूनी कारवाही भी करती है।
अगर आपको सेबी के बारे में अच्छे से जानकारी नहीं है तो आज की यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा मददगार होने वाली है। आज के इस लेख के जरिए मैं आपको सेबी के बारे में सभी तरह की जानकारी देने वाला हु जैसे – SEBI क्या है, सेबी की स्थापना कब हुई, सेबी का गठन क्यों हुआ, सेबी के प्रमुख कार्य क्या है आदि।
सेबी क्या है (What is SEBI in Hindi)
SEBI का अंग्रेजी में मतलब Securities And Exchange Board Of India होता है। यह एक ऐसी संस्थान है जो भारत में शेयर बाजार के ऊपर निगरानी रखती है। सेबी शेयर की लेन – देन, म्यूच्यूअल फण्ड को नियंत्रित करती है। सेबी निवेशकों के लिए समय समय पर नए नियमों को लागू करके शेयर बाजार को विकसित और सुरक्षित रखती है। अगर निवेशक किसी भी कम्पनी के शेयर को निकलता है तो सबसे पहले सेबी के पास पंजीकरण करवाना होता है जिससे कि निवेशक के साथ फ्रॉड न हो सके।
सेबी का इतिहास (History of SEBI in Hindi)
भारत में शेयर बाजार पर नियंत्रण करने के लिए सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को किया गया था। लेकिन 30 जनवरी 1992 को भारत सरकार द्वारा सेबी को संवैधानिक दर्जा मिला। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है इसके अलावा सेबी के मुख्यालय दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद में भी हैं।
सेबी के स्थापना का उद्देश्य – सेबी की आवश्यकता क्यों हुई
शेयर बाजार में भारत के बड़े बड़े इन्वेस्टर शामिल है। अतः शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रण तथा निगरानी के लिए सेबी की स्थापना की गई। सेबी के स्थापना से पहले शेयर बाजार में फ्रॉड बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी जिससे इन्वेस्टर को बहुत नुकसान होता है।
इसी चीज को देखते हुए शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी की जरूरत पड़ी। सेबी शेयर बाजार में होने वाली गतिविधियों पर अपनी नजर रखती है और समय समय पर नए कानून स्थापित करती है जिससे शेयर बाजार की वृद्धि हो और इन्वेस्टर के साथ किसी भी तरह का फ्रॉड ना हो। जो भी कंपनी अपने शेयर निकालती है उसे भी सेबी के नियमों की पालन करना होता है। अगर शेयर बाजार के नियमो को कोई उलंघन करता है तो सेबी उसके खिलाफ सख्त करवाई करती है।
सेबी के सदस्य (Member in SEBI)
सेबी में कुल 9 सदस्यों की एक टीम होती है जिनमें से एक सदस्य अध्यक्ष होता है जो सेबी के सभी सदस्यों को ऑर्डर देता है। सेबी के अध्यक्ष का नामांकन भारत सरकार करती है। इसके अलाव सेबी के सदस्यों में दो सदस्य वित्त मंत्रालय के जानकार होते है और बाकी 2 सदस्य कानून के जानकार होते हैं। इसके अलावा इन सभी सदस्यों में एक सदस्य RBI का भी होता है जिसका चयन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है। आपके जानकारी के लिए बता देता ही वर्तमान में सेबी के अध्यक्ष श्री अजय त्यागी जी हैं। सेबी अध्यक्ष का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है।
सेबी के कार्य (Work of SEBI in Hindi)
- सेबी की स्थापना शेयर बाजार में निवेशकों के हित के रक्षा के लिए की गई है।
- शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी हमेशा नए नियम बनाती है।
- सेबी शेयर बाजार के विकास को बढ़ावा देता है।
- सेबी शेयर बाजार में सभी गतिविधियों के ऊपर नजर रखता है।
- सेबी शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगो को जागरूक रखता है जिससे कि वे किसी फ्रॉड का शिकार न हो जाए।
- सेबी म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश योजनाओं को पंजीकृत करता है।
- सेबी स्टॉक एक्सचेंज को विनियमित करता है।
- सेबी शेयर के ब्रोकर को प्रशिक्षण देने का कार्य करता है।
सेबी की शक्तियां (Power of SEBI in Hindi)
शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रण करने के लिए सेबी के पास मुख्य रूप से तीन शक्तियां होती है –
1 – अर्ध – न्यायिक शक्ति (Quasi-Judicial)
सेबी के पास धोखाधड़ी और अन्य अनैतिक प्रथाओं से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार है। सेबी के पास पूंजी बाजार में निष्पक्षता कारवाही करने का पूर्ण अधिकार है।
2 – अर्ध – कार्यकारी शक्ति (Quasi-Executive)
पूंजी बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी के पास नए नियमों को लागू करने का अधिकार प्राप्त है। और यदि सेबी द्वारा स्थापित नियमो का कोई उलंघन करता है तो सेबी के पास कारवाही करने का पूर्ण अधिकार है। इसके अलावा सेबी के पास नियमों के उल्लंघन के मामले में अकाउंट बुक और अन्य दस्तावेजों को जांच करने का भी अधिकार है।
3 – अर्ध – विधायी शक्ति (Quasi-Legislative)
पूंजी बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी के पास नियम और कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। जिसके अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग, Listing Obligations, Disclosure Requirements शामिल हैं।
सेबी से सम्बंधित सामान्य प्रश्न:
सेबी का पूरा नाम (SEBI Full form in Hindi)
SEBI का फुल फॉर्म Securities And Exchange Board Of India होता है।
सेबी के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
सेबी के वर्तमान अध्यक्ष श्री अजय त्यागी जी हैं
सेबी का मुख्यालय कहाँ है?
सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है.
सेबी की स्थापना कब हुई?
भारत में शेयर बाजार पर नियंत्रण करने के लिए सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को किया गया था। लेकिन 30 जनवरी 1992 को भारत सरकार द्वारा सेबी को संवैधानिक दर्जा मिला।
सेबी का गठन क्यों किया गया?
शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रित करने के लिए सेबी का गठन किया गया।
निष्कर्ष: SEBI क्या है हिंदी में
दोस्तों आज इस लेख में मैंने आपको सेबी से जुड़े सभी तरह की जानकारी आपके साथ शेयर की है। आशा करता हु आपको यह लेख SEBI Kya Hai In Hindi जरुर पसंद आई होगी। अगर अभी भी आपके मन में सेबी से जुड़े कुछ प्रश्न है तो आप कमेंट कर सकते हैं। अगर यह जानकारी आपको पसंद आई है तो इस लेख को आप सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें।
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