हेल्लो रीडर्स, आज इस लेख के जरिए मैं आपको NSE और BSE में क्या अंतर है इसके बारे में बताने जा रहा हु। अगर आप शेयर बाजार में पैसा निवेश करते है तो आपने NSE और BSE का नाम जरूर सुना होगा।
NSE भारत का पहला Electronic Stock Trading प्रदान करवाने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। NSE आधुनिक तकनीकी में सबसे अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है इसमें 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।
NSE का बेंचमार्क इंडेक्स (सूचकांक) निफ्टी है, जिसमें कि NSE में रजिस्टर Top 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है। NSE के आने के बाद ही शेयर बाजार में शेयरों की लेन – देन कंप्यूटराइज्ड तरीके से होने लगा।
NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसमें शेयर, बांड, डिबेंचर तथा अनेक प्रकार की सिक्योरिटीज सूचीबद्ध हैं। NSE की ग्लोबल रैंक 11 है, और भारत की आर्थिक पूंजी में NSE का बहुत बड़ा योगदान है।
NSE का उद्देश्य
- शेयर बाजार में पेपर वर्क को खत्म करने के लिए NSE की स्थापना की गई।
- पूंजी बाजार को आधुनिक बनाने के लिए
- निवेशकों के हितों की रक्षा करने ने लिए
- Electronic Stock Trading प्रदान करना
- निवेशकों के हित के रक्षा के लिए
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरआत करने के लिए
- शेयर बाजार में होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए
- शेयर बाजार को विकसित करने के लिए
निफ्टी क्या है (What is Nifty 50 in Hindi)
NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। यह शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता हैं। NSE का बेंचमार्क इंडेक्स (सूचकांक) निफ्टी है। NSE में रजिस्टर कंपनियों में से Top 50 कंपनी को निफ्टी में शामिल किया गया है।
अगर निफ्टी में उछाल आता है तो NSE में रजिस्टर कंपनी की शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है।अगर निफ्टी में गिरावट आती है तो इसका मतलब होता है कि NSE में रजिस्टर कंपनियों के शेयर प्राइस में गिरावट होती है।
NSE और BSE में अंतर (Difference Between NSE and BSE In Hindi)
NSE और BSE दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं जिसके माध्यम से आप शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते है। NSE और BSE का मुख्यालय मुंबई में स्थित है। ये दोनो ही SEBI के नियमों के अंतर्गत काम करते है।
- NSE का पूरा नाम National Stock Exchange है और BSE का पूरा नाम Bombay Stock Exchange है।
- NSE की स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन BSE की स्थापना 1875 में हुई थी।
- BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन NSE भारत का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है।
- NSE में 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं जबकि BSE में 5500 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।
- BSE की ग्लोबल रैंक 10 है वही दूसरी तरह NSE की ग्लोबल रैंक 11 है।
- NSE को 1993 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली जबकि BSE को 1957 में ही स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली चुकी थी।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम को सबसे पहले NSE ने 1992 में शुरू किया था। वही दूसरी तरफ BSE ने 1995 में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुवात की थी।
- NSE का इंडेक्स Nifty है जिसमें टॉप 50 कंपनियों को शामिल किया गया है जबकि BSE का इंडेक्स Sensex है और इसमें 30 टॉप कंपनियों शामिल है।
NSE से सम्बंधित सामान्य प्रश्न
NSE का फुल फॉर्म क्या है?
NSE का फुल फॉर्म National Stock Exchange होता है।
NSE की स्थापना कब हुई थी?
NSE की स्थापना 1992 में हुई थी।
NSE का मुख्यालय कहाँ है?
NSE का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्रा में स्थित है।
NSE का इंडेक्स क्या है?
NSE का इंडेक्स Nifty है जिसमें Top 50 कंपनिया शामिल है।
क्या मैं सीधे NSE में निवेश कर सकता हूँ.
नही, स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है।
NSE की मुद्रा क्या है?
इसकी मुद्रा रुपया है
अंतिम शब्द: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में
दोस्तो आज इस लेख में मैने आपको बताया NSE क्या है और NSE और BSE में अंतर के बारे में बताया है। उम्मीद करता हु इस लेख को पढ़ने के बाद आप अच्छे से समझ गए होंगे NSE और BSE में क्या अंतर है। इस लेख को पढ़ने के बाद अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।
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